tag:blogger.com,1999:blog-15070835.post8424200060992939141..comments2024-02-24T17:00:02.671-05:00Comments on kavyakala: देवताओं का पसीनाLaxmihttp://www.blogger.com/profile/01605651550165016319noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-15070835.post-31282125527844473982010-03-16T15:08:23.792-04:002010-03-16T15:08:23.792-04:00मजेदार, लेकिन शौच का जिक्र या चर्चा तो लिंकन या चर...मजेदार, लेकिन शौच का जिक्र या चर्चा तो लिंकन या चर्चिल को लेकर भी नही है। क्या ये भी 'रोके' बैठे थे? इशारा काफी है ;-)Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12767868578201017200noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15070835.post-46800074652707067852010-03-12T09:49:50.740-05:002010-03-12T09:49:50.740-05:00समीर जी, अभय जी, वन्दना जी एवं निशान्त जी,
प्रोत्...समीर जी, अभय जी, वन्दना जी एवं निशान्त जी,<br /><br />प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद। निशांत जी, आपकी बात सही है। संतोषजनक मल-मूत्र त्याग में जो सुकून मिलता है वह पृथ्वी पर स्वर्ग जैसा है। दूसरा स्वर्ग जैसा आनंद सेक्स में मिलता है जिसकी सभी साधु-संत निंदा करते हैं।Laxmihttps://www.blogger.com/profile/01605651550165016319noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15070835.post-83149542555809128832010-03-12T03:27:28.192-05:002010-03-12T03:27:28.192-05:00सेब तो मुझे अच्छा नहीं लगता लेकिन टॉयलेट में कुछ प...सेब तो मुझे अच्छा नहीं लगता लेकिन टॉयलेट में कुछ पल सुकून भरे मिलते हैं.<br /><br />यदि देवी-देवता शौचादि करते हैं तो उसकी व्यवस्था कैसी होती होगी. संभव है कि उनहोंने स्वयं को एक स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन दे रखा हो कि कुछ भी खा-पी लें पर मल-मूत्रादी उत्पन्न न हो.<br /><br />लेकिन यदि मल-मूत्रादी उत्पन्न ही न हों तो उत्सर्जन अंगों का क्या औचित्य रह जायेगा?<br /><br />क्या देवताओं का मल-मूत्रादी पवित्र एवं दिव्य नहीं माना जाना चाहिए?निशांत मिश्र - Nishant Mishrahttps://www.blogger.com/profile/08126146331802512127noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15070835.post-17487934631243396762010-03-11T13:07:31.000-05:002010-03-11T13:07:31.000-05:00बहुत बढिया पोस्ट. हां, ईश्वर के मामले में ऐसा कोई ...बहुत बढिया पोस्ट. हां, ईश्वर के मामले में ऐसा कोई भी सवाल करने पर बडे आज भी नाखुश ही होते हैं.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15070835.post-79014396753916424932010-03-11T00:20:52.524-05:002010-03-11T00:20:52.524-05:00बढ़िया पोस्ट!बढ़िया पोस्ट!अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15070835.post-56451725257232603842010-03-10T22:21:30.379-05:002010-03-10T22:21:30.379-05:00सेब तो खा लिया है सबने मगर कईयों को उसके दाम का अं...सेब तो खा लिया है सबने मगर कईयों को उसके दाम का अंदाजा नहीं है, बस!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com